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Maa Durga Aarti in Hindi – माँ दुर्गा देवी की आरती

माँ दुर्गा आरती हिंदी में (Maa Durga Aarti in Hindi) देवी दुर्गा के प्रति भक्ति और श्रद्धा की एक हार्दिक अभिव्यक्ति है, दिव्य माँ जो ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक है।

आरती, अपने सार में, पूजा का एक अनुष्ठान है, जहां भक्त प्रकाश, ध्वनि और गीत के माध्यम से देवता के प्रति अपनी प्रार्थना और आभार व्यक्त करते हैं।

इस लेख में, हम हिंदी में माँ दुर्गा आरती (Maa Durga Aarti in Hindi) के महत्व, इसके छंदों और भक्तों को इससे मिलने वाले आध्यात्मिक अनुभव के बारे में गहराई से जानेंगे।

माँ दुर्गा, जिन्हें आदि पराशक्ति के नाम से भी जाना जाता है, स्त्री शक्ति का प्रतीक हैं और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिनिधित्व करती हैं।

उनके दिव्य रूप को उज्ज्वल और राजसी के रूप में वर्णित किया गया है, जो ब्रह्मांड को बनाए रखने वाली ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है।

सभी आरतियों की तरह, माँ दुर्गा आरती हिंदी में (Maa Durga Aarti in Hindi) , गहरी भक्ति और प्रेम के साथ की जाती है, जिससे भक्त और देवी के बीच घनिष्ठ संबंध बनता है।

माँ दुर्गा आरती (Maa Durga Aarti in Hindi) आम तौर पर व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और परंपराओं के आधार पर शाम या सुबह की पूजा के दौरान होती है। आरती की थाली को दीये (तेल का दीपक), अगरबत्ती, कपूर और फूलों से सजाया जाता है।

भक्त दीया और धूप जलाते हैं, जिससे शुद्धता और पवित्रता का माहौल बनता है। दीये की टिमटिमाती लौ माँ दुर्गा की दिव्य रोशनी का प्रतीक है, जो हमारे जीवन से अंधकार को दूर करती है।

माँ दुर्गा की आरती (Maa Durga Aarti in Hindi) के छंद अत्यधिक अर्थपूर्ण हैं, जो देवी के विभिन्न गुणों और रूपों की प्रशंसा करते हैं।

वे अक्सर उन्हें बुराई का नाश करने वाली, धर्मियों की रक्षा करने वाली और दयालु माँ के रूप में वर्णित करते हैं जो अपने भक्तों की प्रार्थनाएँ सुनती हैं।

भक्त अत्यंत भक्तिभाव से आरती गाते हुए शामिल होते हैं, उनकी आवाज़ प्रेम और समर्पण से गूंजती है।

माँ दुर्गा आरती (Maa Durga Aarti in Hindi) नश्वर दुनिया और दिव्य क्षेत्र के बीच एक पुल के रूप में कार्य करती है।

यह महज एक अनुष्ठान नहीं बल्कि देवी के प्रति अटूट आस्था और प्रेम की अभिव्यक्ति है।

जैसे-जैसे आरती आगे बढ़ती है, भक्त अपने अहंकार, भय और इच्छाओं को मां दुर्गा को समर्पित कर देते हैं और सौहार्दपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

Maa Durga Aarti in Hindi
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माँ दुर्गा आरती हिंदी में केवल मंदिरों तक ही सीमित नहीं है; यह नवरात्रि और अन्य उत्सव के अवसरों के दौरान घरों में एक पसंदीदा प्रथा है।

परिवार आरती करने के लिए एकत्रित होते हैं और इस परंपरा को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित करते हैं।

यह भक्तों में आध्यात्मिकता, एकता और सांस्कृतिक समृद्धि की भावना पैदा करता है।

जिस उत्साह और भक्ति के साथ माँ दुर्गा आरती हिंदी में की जाती है वह विश्वास की स्थायी शक्ति का प्रमाण है।

यह एक ऐसा क्षण है जब भौतिक संसार लुप्त हो जाता है, और भक्त देवी की दिव्य उपस्थिति में डूब जाता है।

आरती एक अनुस्मारक है कि, अंधेरे और निराशा के समय में, माँ दुर्गा की रोशनी और कृपा हमारा मार्गदर्शन और सुरक्षा करने के लिए हमेशा मौजूद रहती है।

माँ दुर्गा आरती हिंदी में केवल एक अनुष्ठानिक मंत्र नहीं है; यह एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है जो भक्त को दिव्य माँ से जोड़ता है।

छंदों, संगीत और आरती के प्रतीकवाद के माध्यम से, यह भाग लेने वाले सभी लोगों के दिलों में भक्ति, शांति और कृतज्ञता की भावना पैदा करता है।

यह हमें याद दिलाता है कि, माँ दुर्गा की दिव्य उपस्थिति में, हमें अपने जीवन के अंधेरे को दूर करने के लिए शक्ति, सांत्वना और शाश्वत प्रकाश मिलता है।

तो, आइए हम अपने सभी प्रयासों में उनका आशीर्वाद और सुरक्षा मांगते हुए, अटूट भक्ति के साथ हिंदी में मां दुर्गा की आरती गाते रहें।

Maa Durga Aarti in Hindi

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।


Jay Ambe Gauri, Maiya Jay Shyama Gauri ।
Tumko NisDin Dhyawat, Hari Brahma Shivri ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Mang Sindur Virajat, Tiko Mrigmad Ko।
Ujjwal Se Dou Naina, ChandraVadan Neeko।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje।
 Rakt Pushpgala Gal Mala, Kanthan Par sajhe।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

keHari Vahan Rajat, Khadak Khapper Dhari ।
Sur-Nar-Munijan Sevak, Inke Dukh Hari ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Kanan Kundal Shobhit, Nasagray Moti ।
 Kotik Chandra Diwakar, Sum Rajat Jyoti ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Shambhu Shambhu Vidari, Mahishasur Ghaati ।
Dhumar Vilochan Naina, NishDin MadMaati ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Chand-Mund Sahare, Sonit Beej Hare ।
Madhu Katav Dou Mare, Sur Bhay Heen Kare ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Brahmani Rudrani, Tum Kamla Rani ।
Aagam Nigam bakhanee Tum Shiv Patrani ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Chausath Yogini Mangal Gavat, Nritya Karat Bhairav ।
Bajat Taal Mridanga Aru Bajat Damru ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Tum Hi Ho Jag Mata, Tum Hi Ho Bharta ।
Bhaktan Ki Dukh Harta, Sukh sampatti Karta ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Bhuja Char AtiShobhit, Khadak Khappad Dhari ।
Manvanchit Fal Paavat, Sevat Nar Nari ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Kanchan Thaal Virajat, Agar Kapoor Bati ।
Shri malketu Mein Raajat, Koti Ratan Jyoti ।।

Om Jay Ambe Gauri.. ।।

Ambe ji ki Aarti Jo Koi Nar Gaave ।
Kahat Shivanand Swami Sukh Sampatti Pave ।।

Jay Ambe Gauri…. ।

Jay Ambe Gauri, Maiya Jay Shyama Gauri ।।

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